2/26/2011

मार्कंडेय पुराण ब्रह्माजी ने पहले मार्कंडेय मुनि को सुनाया. यह पुराण पुण्यमय, पवित्र, आयुवर्द्धक तथा सम्पूर्ण कामनाओं को सिद्ध करनेवाला है. जो इसका पाठ और श्रवण करते है वे सब पापो से मुक्त हो जाते है.

जो मनुष्य इन पुरानो के प्रसंगों का श्रवण तथा जनसमुदाय में पाठ करता है, वह सब पापो से मुक्त होकर ब्रह्म में लीन हो जाता है. पितामह ब्रह्माजी ने जो अठारह पुराण कहे है उनमे इस मार्कंडेय पुराण को सातवा पुराण समझना चाहिए.

उक्त उदगार मोहास में चल रहे अति लघु रूद्र  यग्य में वृन्दावन धाम से पधारे अष्टादश पुराण प्रवक्ता आचार्य व्रजपाल शुक्ल जी महाराज ने  कही. शुक्रवार को मत्स्य पुराण की विषद व्याख्या करते हुए आचार्य जी ने जीवन की उत्पत्ति के बारे में बताया. शनिवार को वामन पुराण में वामन अवतार पर कथा हुई. नित्य नए पुराण पर आचार्य जी द्वारा कथा कही जा रही है.

मोहास में चल रहे इस धार्मिक आयोजन में बनारस, वृन्दावन से पधारे पंडितो के द्वारा अठारह पुराणों का पाठ चल रहा है. अपने सारगर्भित प्रवचनों में आचार्य व्रज्पाल्जी महाराज ने बताया की जो मनुष्य प्रतिदिन अठारह पुराणों का नाम लेता तथा प्रतिदिन तीनो समय उनका जप करता है उसे अश्वमेध यग्य का फल मिलता है.

मार्कंडेय पुराण चार प्रश्नों से युक्त है. इसके श्रवण से सौ करोड़ कल्प के किये हुए पाप नष्ट हो जाते है. ब्रह्म ह्त्या आदि पाप तथा अन्य अशुभ इसके श्रवण से उसी प्रकार नष्ट होते है जैसे हवा का झोका लगने से रुई ऊड जाती  है. इसके श्रवण से पुष्करतीर्थ में स्नान करने का पुन्य प्राप्त होता है.

बंध्या अथवा म्रत्वत्सा स्त्री यदि यथावत इस पुराण का श्रवण करे तो वह समस्त शुभ  लक्षणों से संपन्न पुत्र प्राप्त करती है. इसका श्रवण करने से मोक्ष, आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य, धन, धान्य, पुत्र तथा अक्षय वंश प्राप्त करता है.

देश देशांतर से पधारे ब्राहमणों द्वारा हनुमात्धाम मोहस में चल रहे इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओ की भारी  भीड़ उमड़ रही है. आठ ही वेदांती जी महाराज द्वारा श्रीमद भागवत कथा का भी श्रोता आनंद उठा रहे है.

सरमन पटेल पंडा द्वारा आयोजित सिद्ध पीठ बजरंग धाम मोहास में चार मार्च तक इसी तरह भक्ति की धारा बहेगी. भण्डारा पाच मार्च को होगा. इस क्षेत्र  में यह पहली बार   है जब  इस तरह का बड़ा धार्मिक आयोज किया गया है.

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