8/08/2010

मुझे निरंतर विपत्तिय प्राप्त होती रहे.

मृत बंधुओ को जल देने के लिए पांडव श्रीकृष्ण तथा गांधारी, कुंती आदि के साथ गंगातट पर गए. वहा उन्होंने सबको जल दिया और विलाप कर गंगा के पवित्र जल में स्नान किया. वहा बैठे शोकसंतप्त ध्रतराष्ट्र, युधिष्ठिर, विदुर, गांधारी, कुंती आदि को श्रीकृष्ण ने प्राणियो में काल की गति को बलवती बतलाते हुए नाना प्रकार   से समझाया.

श्रीकृष्ण ने युधिस्ठिर को राज्य दिलाकर तीन अश्वमेध यग्य कराये, जिनसे युधिस्ठिर का सुयश सब दिशाओ  में फ़ैल गया. फिर सात्यकी और उद्धव को साथ लेकर श्रीकृष्ण द्वारका को जाने का विचार कर रथ पर बैठ ही रहे थे की सामने से आती उत्तरा दिखरी दी, जो रोती हुई दौड़ी आ रही थी.

उसने कहा-हे भगवान, रक्षा कीजिये. यह देदियामन तीखा वाण मेरी ओर आ रहा है, यह मुझे भले ही भस्म कर दे, इसकी मुझे चिंता नहीं, किन्तु मेरा गर्भ न गिरा सके. उत्तरा के ऐसे करुण वचन सुनकर एवं यह अस्त्र जगत को पांडव शून्य  करने के लिए अश्वत्थामा दारा छोड़ा गया है, यह जानकर भगवान् ने तुरंत योग द्वारा उसके गर्भ में प्रवेश किया और सुदर्शन चक्र से उसके गर्भ की रक्षा की.

इधर पांडवो ने भी प्रथक-प्रथक पांच बादो  को अपनी ओर आते देखकर उनके निवारणार्थ अपने ब्रह्मास्त्र ग्रहण किये किन्तु उनके संधान में प्रयोग  का विलम्ब होता देखकर  प्रतिज्ञापूर्वक न्यस्त शस्त्र  होने पर भी अपनी प्रतिज्ञा  को भंगकर, पांड्वो की भी सुदर्शन चक्र से रक्षा की और अपना भक्तवत्सल नाम सार्थक किया. यद्यपि ये ब्रह्मास्त्र अमोघ थे फिर भी वैशनव तेज सुदर्शन चक्र से वे सर्वथा शांत हो गए.

इसके पश्चात् भगवान जब जाने के लिए पुनः उद्यत हुए तब कुंती आकर भगवान किस्तुती करती हुई  बोली- हे भगवान  बड़ी-बड़ी आप्तात्तियो से अपने हम  लोगो की रक्षा की. विष भरे मोदको से लाक्षा भवन  की दाह से, वन में देखे गए हिडिम्ब आदि भीषण दैत्यों से, द्यूत सभा से, वन में प्राप्त हुए नाना प्रकार के क्लेश से तथा संग्राम में अनेक महारथियो के दिव्यास्त्रो से आपने ही हमारा त्राण किया. कहाँ तक कहू इस समय अश्वत्थामा के ब्रह्मास्त्र से भी आपने ही हमें बचाया, आपको बार-बार नमस्कार है. मै आपकी शरण में हूँ.

मेरी एक प्रार्थना है कृपया उसे स्वीकार करे-भगवान मै जहा कही भी राहू मुझे निरंतर विपत्तिय प्राप्त होती रहे. कारण उन विपत्तियों में मुझे आपका दर्शन होया रहेगा, जिससे दुखमय संसार सदा के लिए निवृत्त हो जायेगा.