8/18/2013

वेद को इश्वर की वाणी इसलिए कहते हैं

वेद को इश्वर की वाणी इसलिए कहते हैं, क्यूँकी वो योग मे स्थित होकर लिखा गया है. योग मे सहित होने का मतलब है कोई ब्यक्ति अपनी आत्मा को जानने के बाद जब परमात्मा से संपर्क मे होता है, तो सारे ज्ञान को पा लेता है. क्यूँकी परमात्मा समस्त ज्ञान का स्रोत है. उस स्थिति मे वो ज्ञान इन्द्रियों द्वारा प्राप्त न होने की वजह से पूर्ण सत्य होता है और ईश्वरीय वाणी होता है जिसमे गलती की कोई गुन्जायिस नहीं होती है. कोई भी व्यक्ती इस तरह से इस ज्ञान को योग के माध्यम से समाधी मे स्थित होकर प्राप्त कर सकता है. गीता भी योग मे स्थित होकर कही गयी थी इसलिए वो भी वेद के बराबर ही मान्यता रखती है .....

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