10/20/2011

प्रेरक कथा.



एक बार कौशिक नामक ब्राह्मण निर्जन वन में बैठा पूजन कर रहा था। वह जिस पेड़ के नीचे बैठा था, उसी पर एक बगुली भी बैठी थी। अचानक उसने ब्राह्मण पर बीट कर दी। ब्राह्मण ने क्रोधित होकर उसे शाप दिया। देखते ही देखते वह बगुली जल कर भस्म हो गई। ब्राह्मण बहुत खुश हुआ, उसने सोचा उससे बड़ा तपस्वी दूसरा कोई नहीं। उसने इसका खूब प्रचार किया। कुछ दिनों बाद वह पास के एक गांव में भिक्षा मांगने गया। एक घर के सामने पहुंचकर उसने आवाज लगाई। घर की मालकिन अपने पति की सेवा में लगी हुई थी। वह बाहर निकल कर उसे कुछ देर रुकने के लिए कहा और पति की सेवा में लग गई। उसे बाहर आने में हुई देरी से ब्राह्मण काफी गुस्सा हुआ। जब वह भिक्षा लेकर बाहर आई तो ब्राह्मण ने गुस्से में कहा, “तुमने मुझे इतनी प्रतीक्षा क्यों करवाई?” औरत ने कहा- “ब्राह्मणदेव मैं कोई बगुली नहीं कि आपके शाप से भस्म हो जाऊंगी। मैं अपने कर्तव्यपालन में लगी हुई थी इसीलिए आपको जरा देर रुकना पड़ा। नहीं तो मैं आपको प्रतीक्षा नहीं करवाती। आप गुस्सा न करें, क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु हैं। किसी से कष्ट मिलने पर भी जो आदमी उसका जवाब हिंसा से नहीं देता वही ब्राह्मण है। इस बात की पुष्टि के लिए मैं आपको एक जगह बताती हूं। आप वहां जाएं और उससे मिलें।”

वह औरत की बताई जगह पर गया। वहां एक शिकारी रहता था। कौशिक ने उसे औरत की सारी बात सुनाई। शिकारी ने उसे बिठाया और कहा, “ब्राह्मण देव मैं जानवरों को मार कर उनका मांस बेचने का काम करता हूं। मुझे जानवरों की जान लेना अच्छा नहीं लगता पर यह मेरी मजबूरी है। अपने धर्म के पालन के लिए यह काम करता हूं। सबका अपना-अपना कर्तव्य एवं धर्म होता है और इसका पालन सभी को करना चाहिए।” कर्तव्य के महत्व की बात सुनकर कौशिक की आंखें खुल गई। उसे अपनी भूल का पता चल गया था।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्‍छा संदेश... प्राचीन भारतीय साहित्‍य इस प्रकार की कथाओं से भरा पड़ा है... जरूरत है उसे आज की पीढ़ी के सामने लाने की

    हिन्‍दी कॉमेडी

    जवाब देंहटाएं
  2. मित्रों, परिजनों के साथ आपको भी पर्व की मंगलकामनायें!
    तमसो मा ज्योतिर्गमय!

    जवाब देंहटाएं
  3. अरे वाह - बहुत सुन्दर कथा सुनाई आपने - धन्यवाद :)

    one request
    कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें
    dashboard > settings > comments > word verification > no > save settings

    टिप्पणी कर्ता को आसानी होगी |

    जवाब देंहटाएं