यदि शास्त्रीय विधि निषेध की बात न मानी जाय तो हर व्यक्ति इस बात के लिए पूर्ण स्वतंत्र है की वह क्या खाए और क्या न खाय किन्तु अच्छे स्वास्थ्य के द्रष्टिकोण से या भयानक बीमारियों की रोकथाम के लिए कुछ खाद्य पदार्थो का सेवन हानिकारक हो तो आपको चाहिए की आप विवेकपूर्वक ऐसा खाद्य पदार्थ न ले.
आप निम्न तथ्यों से भली बहती जान जायेगे की अंडा जहा स्वास्थ्य के लिए हानिकर है वह वह मांसाहार भी है. इसलिए इसका सेवन किसी भी द्रष्टि से उचित नहीं -
१ अंडा सेवन अंहिसा एवं करुना के विपरीत-
यह बहुधा सुनने में आता है की अनिशेचित अंडे शाकाहारी है लेकिन यदि यह मालूम हो जाय की उनके उत्पादन की विधि कितनी क्रूरता से परिपूर्ण है और भारतीय मूल्यों जैसे अहिंसा और करुना के विपरीत है तो बहुत से लोग अंडा सेवन बंद कर देगे. अमेरिका के विश्व्विध्यात लेखक जान राबिन्स ने अपनी प्रसिद्द पुस्तक दैत फार ऐ न्यू अमेरिका में लिखा ह ई की अन्डो की फेक्ट्रीयो में स्थापित किये हुए पिजड़ो में ईतनी अधिक मुर्गिय भर दी जाती है की वे पंख भी नहीं फद्फदा सकती और तंग जगह की वजह से वे आपस में चोचे मारती है, जख्मी होती है, गुस्सा करती है और कष्ट भगती है, जब मुर्गी को २४ घंटे लोहे की सलाख पर बैठना पड़ता है तब एक विशेष मशीन से एक ही रात में लगभग हजारो मुर्गियों की चोचे काट दी जाती है और गरम-गरम आग से तपते लाल औजारों से उनके पंख भी काट दिए जाते है. आप समझ सकते है की जल्दी से अंडा उत्पन्न करने का तरीका कितना हिंसात्मक है.
२ अन्डो से कई बीमारिया
हासे ही में हुआ बर्ड फ्ल्यू और साल्मानोला बीमारी ने समस्त विश्व में यह साबित कर दिया है की मुर्गियों को होने वाली कई बीमारियों के कारन अन्डो से वह बीमारी उस मानुष में प्रवेश कर जाती है. अंडा सेवन करने वाले व्यक्तियों को यह भी नहीं मालूम की इसमें हानिकारक कोलेस्ट्राल की बहुत अधिक मात्र होती है. अन्डो के सेवन से ऑटो में सदन और टी बी आदि की आशंकाए बढ़ जाती है. अंडे की सफ़ेद जर्दी से पेप्सीन ईन्जाईम के विरुद्ध प्रतिक्रिया होती है. कैथराइन निम्मो तथा डाक्टर जे एम् विलिकाज ने एक सम्मित्लित रिपोर्ट में कहा है की अंडा ह्रदय रोग और लकवे आदि के लिए जिम्मेदार है. यह बात १९८५ ईश्वी के नोबुल पुरस्कार विजेता डाक्टर ब्राउन और डाक्टर गोल्द्स्तीं ने कही है की अन्डो में सबसे अधिक कोलेस्ट्रोल होता है जिससे उत्पन्न ह्रदय रोग के कारन बहुत अधिक मौते होती है. इंग्लेंड के डाक्टर आर जे विलियम ने कहा है की जो लोग आज अंडा खाकर स्वस्थ रहने की कल्पना कर रहे है वे कल लकवा, अग्जिमा, ईन्जईना जैसे रोगों के शिकार होगे. फिर अंडे में फाईबर नहीं होता और कार्बोहाईड्रेट जो शरीर में स्फ्रूति देता है वह भी शून्य होता है.
३ अन्डो में पौष्टिकता एवं उर्जा की कमी
विज्ञापनों के माध्यम से यह भ्रम बड़ी तेजी से फैलाया जा रहा है की शाकाहारी कह्द्यानो की तुलना में अंडे में अधिक प्रोटीन है सकीं विश्व स्वास्थ्य संघठन के तुलनात्मक चार्ट से यह ज्ञात होता है की प्रोटीन, खनिज लावन और कैलोरी आदि की द्रष्टि से कौन सा आहार हमारे लिए उपयुक्त है
[kk| dk uke izR;s 100 xzke ij | izksVhu | [kfut yo.k | dkcksZgkbMsVl | dSyksjh |
‘’kkdkgkjh [kk| Ewx | 24.0 | 3.6 | 56.6 | 334 |
Lks;kchu | 43.2 | 4.6 | 20.9 | 432 |
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LizsVk nqx/k ikmMj | 38.3 | 6.8 | 51.0 | 357 |
Ekalkgkjh [kk| v.Mk | 13.3 | 1.9 | ‘’kwU; | 173 |
४ कोइ भी अंडा शाकाहारी नहीं होता -
प्रचार माध्यमो के कारण कुछ वर्षो से शुद्ध शाकाहारी परिवार के नवयुवक भी अन्डो का सेवन करने लगे है क्योकि अनिशेचित अन्डो को शाकाहारी नामकरण देकर एक भ्रमजाल फैलाया गया है. यह एक वैज्ञानिक तथ्य है की अनिशेचित अंडे किशी भी प्रकार से शाकाहारी नहीं होते क्योकि न तो वे पदों पर उगते है और न किसी पौधे पर बल्कि वे सब मुर्गी के पेट से उत्पन्नं होते है.१९७१ ईश्वी में मिशीगन यूनिवर्सिटी अमेरिका के वैज्ञानिको ने यह सिद्ध कर दिया था की संसार का कोई भी अंडा निर्जीव नहीं है चाहे निषेचित हो य अनिशेषित. अंडे के ऊपरी भाग पर हजारो सूक्ष्म छिद्र होते है जिनमे अनिशिचित अंडे का जीव श्वास लेता है
साधुवाद
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