10/02/2011

हिंदू धार्मिक जुलूस मुस्लिम इलाको से अनुमति नही है क्यों ?

केरल में विधायक, संसद और मंत्री अल्लाह,यीशु के नाम से सपथ लेते है | अगर हिंदू राम या कृष्ण के नाम से ले तो संबिधान के खिलाफ है ?

अरबी भाषा को प्रमोट करने के लिए सरकार पैसे खर्च कर रही है | लेकिन संस्कृत पर क्यों नही ? क्या अरबी भाषा, संस्कृत के तुलना में अधिक राष्ट्रीय है ?

IMTD Act क़ानूनी अधिकार से असम में बंगलादेशियो को भारत में बसने और नागरिक बनने का अधिकार देता है | तो जम्मू और कश्मीर में शेष भारतीय को बसने का अशिकर क्यों नही ? यह दोगली निति क्या है ?

जम्मू और कश्मीर कि जनसंख्या लगभग एक करोड है जिन्हें २४००० करोड रुपये कि सहायता दी गयी है | यानी कि पर हेड २४००० रुपये | जबकि शेष राज्यों को इनसे ५% कम कि सहायता दी जाती है |क्या यह राष्ट्र विरोशियो के लिए इनाम नही है ?

यदि पेंटिंग करना गैर- इस्लामिक है तो मुसलमानों ने एम् एफ हुसैन के खिलाफ कितने फतवे जारी किये गए थे ? क्या वो गैर- इस्लामिक कार्य नही किया था ?

यदि इस्लाम में गायन, संगीत और नृत्य गैर- इस्लामिक है ( क्योकि इस्लाम एक गंभीर धर्म है ) तो बहुत “खान” फिल्म में अभिनय करते है | इनके खिलाफ फतवा क्यों नही जारी किया गया ?

क्या आप को लगता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश रहेगा यदि मुसलमानों का बहुमत हो जाय तो ?

हॉउस आफ कामंस, आस्ट्रेलिया संसद और ह्वाईट हॉउस आदि में जब दीपावली और जन्माष्टमी मनाया जाता है तो भारत के संसद में क्यों नही मनाया जाता है ? क्या हम संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया कि तुलना में अधिक धर्मनिरपेक्ष है ?

यदि सांप्रदायिक दंगे भारत में आर एस एस, विहिप, बजरंग दल आदि के कारन होता है तो “ पाकिस्तान, तुर्की, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, चेचन्या, चीन, रूस, ब्रिटेन, स्पेन, साईप्रस आदि में किसकी अजह से दंगे होते है ?” जब कि वहाँ पर आर एस एस / विहिप नही है |

एक पूर्व राष्ट्रपति, दो पूर्व प्रधानमंत्रियों, साधुओ,और संतो द्वारा कांची के संकराचार्य कि गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया है | लेकिन मिडिया का कहना है कि “वहाँ बिलकुल कोई विरोध नही हुआ है”| क्या आप को लगता है कि केवल हिन्=हिंसा ही लोगो की [पीड़ा मापने का पैमाना है ?

क्या आप को विश्वास है कि इस्लाम और ईसाईयत को सर्वधर्म समभाव में विश्वास है ? यदि हाँ, तो धर्म रूपांतरण में विश्वास क्यों करते है ?

ईश्वर अल्लाह तेरे नाम – आप मुझे एक मुसलमान दिखाए जो इससे सहमत हो ?

क्या आप को नही लगता है कि “ सेक्युलर मुस्लिम एक मिथ्या नाम है ? एक व्यक्ति या तो सेक्युलर या मुसलमान हो सकता है, दोनों नही ? एक मुस्लिम ( जो केवल अल्लाह में विश्वास करता है) धर्म-निरपेक्ष(कई परमेश्वर में विश्वास) नही हो सकता है |

क्या आप जानते है कि “ तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मौलाना वहीदुद्दीन, जब भारतीय सैनिक कारगिल में लड़ रहे थे तो, उनसे सैनिको के लिए प्रार्थना करने को कहा गया तो इंकार कर दिया ? क्योकि भारतीय सैनिक मुसलमानों से लड़ रहे थे ?” ( बाद में सोनिया और प्रियंका ने उसके अंतिम संस्कार में भाग ली थी )

संयुक्त राष्ट्र चार्टर का कहना है कि “ अल्पसंख्यक का मतलब पूरी आबादी का अधिक से अधिक १०% होता है | मुसलमान, जो लगाभाग १८% से ऊपर है को एक अल्पसंख्यक कैसे कहा जा सकता है ?

क्या आप को विश्वास है कि “कम्युनिस्टों को भारत से प्यार है ?”, जब कि वे स्वीकार करने से मना करते है कि १९६२ में चीन भारत पर हमलावर था ?

ये कैसे होता है कि “ एक मुस्लिम परिवार मुख्य रूप से हिंदू इलाके में शांति से रहता है, जबकि एक मुस्लिम बस्ती में एक हिंदू परिवार ऐसा करने में सक्षम नही है ?

मुस्लिम बहुत क्षेत्रो में ईसाई मिशिनारिज क्यों नही सामाजिक सेवाए शुरू कराती है ? क्योकि वहाँ निवेश पर पर्याप्त फल नहीं मिलेगा |

क्या आप जानते है कि “ भारत एक मात्र देश है जो खुले तौर पर बंगलादेश के घुसपैठियों को आमंत्रित किया है | बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सरकारों ने तत्काल उन्हें रासन कार्ड उपलब्ध कराके मतदाता बना दिया |”

दंगे शुक्रवार की नमाज के बाद ही ज्यादातर हुए है ( जैसे मरद, केरल) | क्या यह इमामों के ज्वलंत उपदेशो की वजह से नही है ?

सभी हिंदू बहुल क्षेत्र शांतिपूर्ण है, लेकिन सभी हिंदू अल्पसंख्यक क्षेत्र समस्याग्रस्त है – जम्मू और कश्मीर, उत्तर – पूर्वी भारत आदि | क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते है कि ऐसा क्यों ?

एक विधायक, सी. पी. शाजी ने केरल विधानसभा में कहा कि “ वो हाथ काट दिया जायेगा, जो शरियत के एक अक्षर को छुयेगा” | क्या आप इससे सहमत है ?

क्या आप जानते है कि “भारत में अवैध रूप से आये मुस्लिम अप्रवाशी २५ लोकसभा और १२० विधानसभा सीटों के चुनाव में एक निर्णायक कारक बन गए है ? और वे एक विशेष पार्टी के लिए एकजुट हो के मतदान करते है – कंग्रस, राजद, सपा, एमएल, या साम्यवादी |”

एक पाकिस्तानी भारतीय हो सकता है ? जब वह जम्मू और कश्मीर के किसी एक लडकी से शादी कर ले, लेकिन इसके विपरीत जब वही लड़की भारत के किसी भी हिस्से के एक हिंदू से शादी करे तो वह जम्मू और कश्मीर की नागरिक नहीं हो सकते है, जम्मू और कश्मीर कि नागरिकाता खो देती है ? यह किस तरह का कानून है ?

अयोध्या मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने विश्व हिंदू परिषद पूछताछ की लेकिन बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी या आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड से सवाल नही की? क्या यह सुप्रीम कोर्ट का दुहरा मापदंड नही है ?

जब आप नरेन्द्र मोदी जैसे लोगो से तुच्छ आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांग रहे है तो आप क्यों नही जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री से इस्तीफा माँगते है ? जहां पर हजारों सैनिक आतंकवादियों द्वारा मार दिए गए है और तो और ४ लाख हिन्दुओ का सफाया कर दिया गया है |

जम्मू और कश्मीर का पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला एक ईसाई से शादी किया और वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एक हिंदू लडकी से शादी करके आनंदित थे, लेकिन जब उसकी बेटी एक हिंदू लड़के से शादी कर ली तो उसका परित्याग कर दिया गया | क्या यही धर्मनिरपेक्षता का पहचान है ?

कानून के अनुसार “ मानव अंगों को किसी भी पार्टी के चुनाव चिन्ह के रूप में नही लिया जा सकता है” तो कैसे कांग्रेस पार्टी को ‘हाथ’ का प्रतिक आवंटित किया गया है ? यह कानून के खिलाफ नही है ?

दिल्ली इमाम सैयद बुखारी के घोषणा थी कि तालिबान सभी मुसलमानों के लिए आदर्श है और ओसामा बिन लादेन नायक ? क्या आप इस धर्मनिरपेक्षता पर विचार करेंगे ?

जम्मू और कश्मीर के संसदीय चुनाव के लिए २ लाख हिंदू वयस्क मतदाता है | लेकिन विधानसभा के लिए नही ? क्यों ?

जम्मू और कश्मीर विधानसभा की अवधि ६ साल और अन्य राज्यों की ५ साल| क्यों ?

बंगलादेश में हिंदू लड़किया पीटी जाती है, उनके साथ गैंग रैप किया जाता है | प्रतिदिन मंदिरों को जलने या नष्ट करने कि खबरे पढैते होंगे | क्या हमारे धर्मनिरपेक्षतावादी और मानवाधिकारी कार्यकर्ताओ को इनके लिए आवाज़ नही उठानी चाहिए ? क्या सिर्फ मुसलमानों के लिए ही मानवाधिकार है ?

क्या आप जानते है कि “ इस्लाम राष्ट्रवाद और राष्ट्रिय सीमाओ में विश्वास नही करता है | यह पूरी दुनिया को इस्लाम के तहत दारुल हरब से दारुल इस्लाम तक लाना चाहते है ?”

क्यों मुस्लिम मस्जिद और मदरसे में जाते है न कि स्कूल और कालेज में ? क्या मदरसा भी वैज्ञानिक और इंजिनियर तैयार करता है ? ( सेक्युलर नेताओ द्वारा मुसलमानों को अलग से आरक्षण के लिए अपना सर पिटने के सन्दर्भ में )

मुहर्रम जुलूस हिंदू बाहुल्य क्षेत्रो से लाया जारहा है लेकिन हिंदू धार्मिक जुलूस मुस्लिम इलाको से अनुमति नही है क्यों ? क्या यह सम्रदायिक बटवारे को स्थायी नही करता है ?

क्या आपको लगता है कि नेहरू परिवार ही एक परिवार है जो आजादी के लिए लड़े या अन्य स्वतंत्रता सेनानियों क भी थे? जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, मदनलाल धींगरा ,वन्शिनाथान, चापेकर ब्रदर्स, वीर सावरकर, राज गुरु, सुभाष चंद्र बोस, उधम सिंह आदि |

मल्लापुरम ( केरल) में , एक डाक्टर ने पाया कि मुस्लिम महिलाओ कि तीन पीढियां बेटी-१३, माँ-२६ और दादी – ३९ सभी गर्भवती है तथा प्रसव के लिए भारती कराया | क्या आप को भी लगता है कि मुसलमानों के लिए परिवार नियोजन अनावश्यक है ?

रामायण के लेखक ऋषि वाल्मीकि एक डाकू थे, उसी तरह महाभारत के लेखक वेड व्यास एक मछुवारे थे | दोनों महाकाव्यो और लेखक हिन्दुओ द्वारा प्रतिष्ठित है | क्या अब भी लगता है कि हिंदू धर्म जातिवाद का समर्थन करता है ?

२००२ में कर्नाटक सरकार मंदिरों द्वारा प्राप्त ७२ करोड रुपयों में से ५० करोड मदरसों को, १० करोड चर्च को, १० करोड मंदिरों को दिया गया | मदरसो (आतंकवादी कारखाना ) और चर्चो के विकास के लिए हिन्दुओ का पैसा क्या देना चाहिए ?

जब अफगानिस्तान में तालिबान, बुद्ध प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया, तो टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि यह बाबरी मस्जिदके विध्वंस की प्रतिक्रिया में था. क्या आप टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा के इस औचित्य से सहमत? जैसे को तैसा के लिए ठीक है? तो फिर तुम क्यों गोधरा कांड की प्रतिक्रिया में गुजरात दंगों की आलोचना करते हो ?

पांडिचेरी में एक मुस्लिम को दफनाने से इनकार कर दिया गया था क्योंकि वह प्रभु मुरुगा के लिए एक मंदिर का निर्माण किया था क्या आप को भी लगता है कि "धर्म एक दूसरे से नफरत नहीं सिखाते हैं"?

१९८९ में कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में राजीव गाँधी ने घोषणा की कि “ अगर मिजोरम में कांग्रेस सत्ता में आई तो यहाँ बाईबल के अधर पर शिक्षाए दी जायेगी (?)” यदि यह सांप्रदायिक नही है तो क्या है ?

वर्ल्ड मुस्लिम अल्पसंख्य समुदाय के अध्यक्ष, कुवैत के शेख अल सईद युसूफ सयेद हासिम रिफाई को केरल में बिना वीजा के आने कि अनुमति दी गयी थी और उन्हें गिर्गिराफ्तर नही किया गया बल्कि केरल सर्कार के सरकारी दामाद की तरह खातिरदारी कि गयी और लेजाने लाने के लिए सरकारी कार कि व्यवस्था कि गयी थी | क्या यह राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाला कार्य है ?

यदि ब्रिटेन और अमेरिका( एक धर्म निरपेक्ष देश) में एक से अधिक महिला से शादी करने कि अनुमति नही है तो क्या भारत में एक से अधिक औरतो से शादी करने कि अनुमति देनी चाहिए ?

पोप को भारत कि यात्रा को आमंत्रित किया गया था लेकिन नेपाल के राजा महेंद्र को नागपुर में १९६५ में मकरसंक्रांति समारोह में भाग लेने के लिए अनुमति नही दी गयी थी | क्या यही धर्म निरपेक्षता है ?

अशोक और कनिष्क अफगानिस्तान पर शासन किया. कंधारी जो की दुर्योधन की माँ, कंधार से आया है ( अब अफगानिस्तान में )| क्या आप मानते हैं कि अफगानिस्तान एकबार भारत का अभिन्न हिस्सा था?

त्रिपुरा में बैप्टिस्ट चर्च को न्यूजीलैंड से 60 साल पहले मिशनरियों द्वारा स्थापित किया गया था| क्या आपको लगता है कि चर्च राष्ट्रवाद को बढ़ावा देंगे?

पाकिस्तान में छात्रों को शुरू से ही सिखाया जाता है कि हिंदु हमारे दुश्मन हैं, हिंदू से मित्रता कभी नहीं किया जा सकता है काफिरो (हिंदुओं) को मार देना चाहिए. क्या आप को अब भी लगता है कि दोस्ती पाकिस्तान के साथ संभव है?

पाकिस्तान इस्लामी देश है,बायीं-पास सर्जरी या कैंसर के इलाज के लिए भारत आते है | पाकिस्तान कैसा एक देश है जिसके पास परमाणु विकशित करने की क्षमता है लेकिन एक अच्छे अस्पताल कि नही ?इसका मतलब है कि पाकिस्तानी सिर्फ ट्रिगर से खुश है विकास और स्वास्थ्य सीवाओ की कीमत पर |

कम्युनिस्ट नेता स्टालिन की बेटी, स्वेतलाना, दिनेश सिंह के भाई से शादी करने के लिए और भारत में बसने की कामना की| हमारे साम्यवादियों और इंदिरा गांधी ने इस का विरोध किया | वे अब कैसे एक इतालवी महिला का समर्थन करे ?

जब योगा संयुक्त राज्य अमेरिका में एक करोड़ों डॉलर का उद्योग है, हमारी सरकार क्यों अंधी बन गयी है इस तकनीक मानवविकास के लिए ? क्या इसलिए कि यह हिंदू संस्कृति का एक हिस्सा है ?

पूजा में 'संकल्प' "भारत वर्षे , भारत कंडे......... के साथ शुरू होता है ...". ये क्या हैं? क्या आप को अभी भी लगता है कि अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद अलग कर रहे हैं ? ये राष्ट्र की दो आंखें है?

अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद भारत में अविभाज्य हैं.क्या आपको नहीं लगता कि अध्यात्मवाद के बिना भारत बिना आत्मा के एक शरीर की तरह हो जाएगा?

हिंदू धर्म में आप को सुधारको कि संख्या बहुत मिल जायेगी | अन्य धर्मो में क्यों नही पाई जाती है ? क्या इन्हें सुधारने कि जरुरत नही है कि सुधारे हुए है ?

सच्चे संत देवरह बाबा

प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मथुरा के माठ इलाके में यमुना के किनारे एक साधु के दर्शन करने आना था। एसपीजी के साथ जिला और प्रदेश का सुरक्षा बल तैनात हो गया। प्रधानमंत्री के आगमन और यात्रा के लिए इलाके की मार्किंग कर ली गयी। आला सुरक्षा अफसरों ने हेलीपैड बनाने के लिए वहां लगे एक बबूल के पेड की डाल छांटने के निर्देश दिये। भनक लगते ही साधु ने एक बडे पुलिस अफसर को बुलाया और पूछ लिया- यह पेड क्‍यों छांटोगे। जवाब मिला- पीएम की सुरक्षा के लिए जरूरी है। बाबा- तुम यहां अपने पीएम को लाओगे और प्रशंसा पाओगे, पीएम का भी नाम होगा कि वह साधु-संतों के पास जाता है। लेकिन इसका दंड तो इस बेचारे पेड़ को ही भुगतना होगा। वह मुझसे इस बारे में पूछेगा तो मैं उसे क्‍या जवाब दूंगा। नहीं, यह पेड़ नहीं छांटा जाएगा।

प्रशासन में हडकंप मच गया। अफसरों ने अपनी मजबूरी बतायी कि दिल्‍ली से आये आला अफसरों ने यह फैसला लिया है, इसलिए इसे छांटा ही जाएगा। अब कुछ नहीं हो सकता। और फिर, पूरा पेड़ तो कटना है नहीं, केवल उसकी कुछ डाल काटी जाएगी। मगर साधु टस से मस नहीं हुआ। बोला- यह पेड़ होगा तुम्‍हारी निगाह में, मेरा तो सबसे पुराना शिष्‍य है। दिनरात मुझसे बतियाता है। यह पेड़ नहीं कटेगा। उधर अफसरों की घिग्‍घी बंधी हुई थी। साधु का दिल पसीज गया। बोले- और अगर यह कार्यक्रम टल जाए तो।

तयशुदा कार्यक्रम को टाल पाने में अफसरों ने भी असमर्थता व्‍यक्‍त कर दी। आखिरकार साधु बोला- जाओ चिंता मत करो। तुम्‍हारे पीएम का कार्यक्रम मैं कैंसिल करा देता हूं। और, आश्‍चर्य कि दो घंटे बाद ही पीएम आफिस से रेडियोग्राम आ गया कि पीएम का प्रोग्राम टल गया है। कुछ हफ्तों बाद राजीव गांधी वहां आये, लेकिन इस बार यह पेड़ नहीं छांटा गया।

यह थे देवराहा बाबा। न उम्र का पता और न अंदाजा। न कपड़ा पहनना और ना भोजन करना। उन्‍हें न तो किसी ने खाते देखा और ना ही पानी पीते। शौचादि का तो सवाल ही नहीं। हां, दिन में चार-पांच बार वे नदी में सीधे उतर जाते थे और प्रत्‍यक्षदर्शी बताते हैं कि आधा-आधा घंटा तक वे पानी में रहते थे। इसपर उठी जिज्ञासाओं पर उन्‍होंने शिष्‍यों से कहा- मैं जल से ही उत्‍पन्‍न हूं।

उनके भक्‍त उन्‍हें दया का महासमुंद बताते हैं। और अपनी यह सम्‍पत्ति बाबा ने मुक्‍त हस्‍त से लुटाई। जो भी आया, बाबा की भरपूर दया लेकर गया। वितरण में कोई विभेद नहीं। वर्षाजल की भांति बाबा का आशीर्वाद सब पर बरसा और खूब बरसा। मान्‍यता थी कि बाबा का आशीर्वाद हर मर्ज की दवाई है। कहा जाता है कि बाबा देखते ही समझ जाते थे कि सामने वाले का सवाल क्‍या है। दिव्‍यदृष्टि के साथ तेज नजर, कड़क आवाज, दिल खोल कर हंसना, खूब बतियाना बाबा की आदत थी। याददाश्‍त इतनी कि दशकों बाद भी मिले व्‍यक्ति को पहचान लेते और उसके दादा-परदादा तक का नाम व इतिहास तक बता देते, किसी तेज कम्‍प्‍यूटर की तरह। हां, बलिष्‍ठ कदकाठी भी थी। लेकिन देह त्‍यागने के समय तक वे कमर से आधा झुक कर चलने लगे थे।

ख्‍याति इतनी कि जार्ज पंचम जब भारत आया तो अपने पूरे लावलश्‍कर के साथ उनके दर्शन करने देवरिया जिले के दियरा इलाके में मइल गांव तक उनके आश्रम तक पहुंच गया। दरअसल, इंग्‍लैंड से रवाना होते समय उसने अपने भाई से पूछा था कि क्‍या वास्‍तव में इंडिया के साधु-संत महान होते हैं। प्रिंस फिलिप ने जवाब दिया- हां, कम से कम देवरहा बाबा से जरूर मिलना। यह सन 1911 की बात है। जार्ज पंचम की यह यात्रा तब विश्‍वयुद्ध के मंडरा रहे माहौल के चलते भारत के लोगों को बिरतानिया हुकूमत के पक्ष में करने की थी। उससे हुई बातचीत बाबा ने अपने कुछ शिष्‍यों को बतायी भी थी, लेकिन कोई भी उस बारे में बातचीत करने को आज भी तैयार नहीं।

डॉक्‍टर राजेंद्र प्रसाद तब रहे होंगे कोई दो-तीन साल के, जब अपने मातापिता के साथ वे बाबा के यहां गये थे। बाबा देखते ही बोल पडे- यह बच्‍चा तो राजा बनेगा। बाद में राष्‍ट्रपति बनने के बाद उन्‍होंने बाबा का एक पत्र लिखकर कृतज्ञता प्रकट की और सन 54 के प्रयाग कुंभ में बाकायदा बाबा का सार्वजनिक पूजन भी किया। बाबा के भक्‍तों में लालबहादुर शास्‍त्री, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी बाजपेई जैसी हस्तियां भी थीं। पुरूषोत्‍तम दास टंडन को तो उन्‍हें राजर्षि की उपाधि तक दे डाली।

तो शुरुआत फिर बाबा से ही। वे कब, कहां और किसके यहां जन्‍मे, कोई नहीं जानता। यह भी नहीं कोई नहीं जानता कि बाबा ने वस्‍त्र त्‍याग कर कब दिगम्‍बर चोला अपनाया। वरिष्‍ठ आईपीएस अधिकारी शैलजाकांत मिश्र बताते हैं कि उनकी परदादी के समय तक भी बाबा वैसे ही थे, जैसे सन 1990 में। हां, दियरा इलाके में रहने के चलते ही शायद उनका नाम देवरहा बाबा पड़ा होगा। लेकिन नर्मदा के अमरकंटक में आंवले के पेड़ होने के नाते वहां उनका नाम अमलहवा बाबा भी पड़ गया।

उनका पूरा जीवन मचान में ही बीता। लकड़ी के चार खंभों पर टिकी मचान ही उनका महल था, जहां नीचे से ही लोग उनके दर्शन करते थे। महल में वे साल में आठ महीना बिताते थे। कुछ दिन बनारस के रामनगर में गंगा के बीच, माघ में प्रयाग, फागुन में मथुरा के माठ के अलावा वे कुछ समय हिमालय में एकांतवास भी करते थे। खुद कभी कुछ नहीं खाया, लेकिन भक्‍तगण जो कुछ भी लेकर पहुंचे, उसे भक्‍तों पर ही बरसा दिया। उनका बताशा-मखाना हासिल करने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ हर जगह जुटती थी।

और फिर अचानक 11 जून 1990 को उन्‍होंने दर्शन देना बंद कर दिया। लगा जैसे कुछ अनहोनी होने वाली है। मौसम तक का मिजाज बदल गया। यमुना की लहरें तक बेचैन होने लगीं। मचान पर बाबा त्रिबंध सिद्धासन पर बैठे ही रहे। डॉक्‍टरों की टीम ने थर्मामीटर पर देखा कि पारा अंतिम सीमा को तोड़ निकलने पर आमादा है। 19 तारीख को मंगलवार के दिन योगिनी एकादशी थी। आकाश में काले बादल छा गये, तेज आंधियां तूफान ले आयीं। यमुना जैसे समुंदर को मात करने पर उतावली थी। लहरों का उछाल बाबा की मचान तक पहुंचने लगा। और इन्‍हीं सबके बीच शाम चार बजे बाबा का शरीर स्‍पंदनरहित हो गया। भक्‍तों की अपार भीड़ भी प्रकृति के साथ हाहाकार करने लगी। बर्फ की सिल्लियां लगा कर बाबा की पार्थिव देह को सुरक्षित रखने का प्रयास कर दिया गया। अब तक देश-विदेश तक में बाबा के ब्रह्मलीन हो जाने की खबर फैल चुकी थी। लेकिन अचानक ही बाबा के सिर पर स्‍पंदन महसूस किया गया। कि अचानक ही बाबा का ब्रह्मरंध्र खुल गया। उनके शिष्‍य देवदास ने उस ब्रह्मरंध्र को भरने के लिए फूलों का सहारा लिया, लेकिन वह भर नहीं पाया। आखिरकार, दो दिन बाद बाबा की देह को उसी सिद्धासन-त्रिबंध की स्थिति में यमुना में प्रवाहित कर दिया गया।